राज्य स्तरीय योग कार्यक्रम में 21 हजार से अधिक लोगों ने किया सामूहिक योगाभ्यास
योग : शरीर, मन और प्रकृति की समरसता का प्रतीक
रायपुर के जोरा मैदान में विश्व योग दिवस का आयोजन
हर घर आंगन योग के संदेश के साथ आज 21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर रायपुर स्थित जोरा मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय योग कार्यक्रम में बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाओं सहित 21 हजार से अधिक लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास किया। इस अवसर पर अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर राज्य गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि योग हमें कई बीमारियों से मुक्त कर शरीर को निरोगी बनाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में योग आयोग निरंतर काम कर रहा है। छत्तीसगढ़ में योग का वातावरण बना है। लोग पहले से ज्यादा जागरूक हुए हैं और योग कर रहे हैं। स्वस्थ दिनचर्या की दिशा में लोग आगे बढ़ रहे हैं। आज हर वर्ग के लोग योग कर रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग अपनाएं और जन-जन तक योग के महत्व को प्रचारित करें।
हर घर आंगन योग के संदेश के साथ आज 21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर रायपुर स्थित जोरा मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय योग कार्यक्रम में बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाओं सहित 21 हजार से अधिक लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास किया। इस अवसर पर अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर राज्य गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि योग हमें कई बीमारियों से मुक्त कर शरीर को निरोगी बनाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में योग आयोग निरंतर काम कर रहा है। छत्तीसगढ़ में योग का वातावरण बना है। लोग पहले से ज्यादा जागरूक हुए हैं और योग कर रहे हैं। स्वस्थ दिनचर्या की दिशा में लोग आगे बढ़ रहे हैं। आज हर वर्ग के लोग योग कर रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग अपनाएं और जन-जन तक योग के महत्व को प्रचारित करें।
संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग बहुत आवश्यक है। योग हमारे शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाता है। योग आयोग लोगों के भीतर योग चेतना विकसित करने का काम कर रहा है, आज प्रदेश में लगभग 40 से ज्यादा योग केंद्र खोले जा चुकेे हैं, क्योंकि यह आज की जरूरत है। भीषण कोरोना काल में योग ने लोगों के प्राण रक्षक के रूप में महती भूमिका निभाई है।