जशपुरनगर : जीर्ण श्वेत प्रदर से ग्रसित मरीज का आयुर्वेद पद्धति से किया गया ईलाज

रोगी के पेट दर्द, बुखार, कमर दर्द में 15 दिवस के ईलाज से ही हल्कापन लगने लगा
मरीज को जीर्ण श्वेत प्रदर समस्या से अब काफी आराम मिला है
शिविर में आयुर्वेद पद्धति से 4057 मरीजों की की गई चिकित्सा उपाचर
हाट बाजार एवं सियान जतन क्लीनिक से 218 रोगी हुए हैं लाभान्वित

जशपुरनगर 20 सितम्बर 2023

जिला में आयुष विभाग के अंतर्गत आयुष पॉलीक्लीनिक, आयुषविंग, स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर, आयुर्वेद, होम्योपैथी औषधालय, सीएचसी,पीएचसी में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी संस्था संचालित है। जिसके माध्यम से पंचकर्म क्रिया के द्वारा रोगियों को ईलाज करके निःशुल्क औषधि वितरण किया जा रहा है।
आयुष विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में विगत सप्ताह में कुल 4057 रोगियों को औषधि वितरण कर निःशुल्क उपचार किया गया साथ ही पंचकर्म क्रिया नाड़ी स्वेद, सर्वांग स्वेद, नस्य एवं शिरो धारा के द्वारा 87 रोगियों की चिकित्सा की गई। विभाग द्वारा मुख्य रूप से जीर्ण वात व्याधि, ज्वर, संधिवात, त्वक विकार, पाददाह, गृध्रासी, जीर्ण श्वास रोग, दौर्बल्यता, जीर्ण काश रोग एवं उदर रोग की सफलता पूर्वक चिकित्सा की गई। साथ ही हाट बाजार एवं सियान जतन क्लीनिक के माध्यम से 218 रोगियों की चिकित्सा की गई।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 03 आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर संचालित है। जहां संस्थाओं में 154 हितग्राहियों को योगाभ्यास कराया गया है। साथ ही159 हितग्राहियों को काढ़ा वितरण कराया गया। इसके साथ ही सूचना,  शिक्षा एवं संचार के माध्यम से पाम्पलेट द्वारा भी लोगों को अधिक संख्या में आयुष चिकित्सा पद्धति द्वारा उपचार हेतु सफलता पूर्वक जागरूक किया जा रहा है।
आयुष पॉलीक्लीनिक जशपुर में पदस्थ डॉ. दीपक एक्का विशेषज्ञ चिकित्सक के द्वारा जीर्ण श्वेत प्रदर का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। आयुष पॉलीक्लीनिक जशपुर में कुछ समय पूर्व 42 वर्षीय महिला द्वारा हल्का बुखार, पेट में दर्द, अनियमित मासिक धर्म एवं सफेद पानी की शिकायत लेकर आये थे। जिसके लिये उन्होंने कई जगह से इलाज कराया और ज्यादा फायदा नहीं हो पाया। इसके पश्चात् उन्होंने आयुर्वेद की औषधि लेने का निर्णय किया जिस हेतु उन्होने आयुष पॉलीक्लीनिक में पदस्थ डॉ. दीपक एक्का विशेषज्ञ चिकित्सक से सम्पर्क किया और डॉ. दीपक एक्का के द्वारा उनकी विस्तार से जानकारी लेकर उन्हे जीर्ण श्वेत प्रदर से ग्रसित बताया और आयुर्वेद पद्धति से इलाज प्रारम्भ किया। लगभग 15 दिवस की चिकित्सा के पश्चात् रोगी को पेट के दर्द में, बुखार, कमर दर्द में हल्कापन लगने लगा इसके साथ ही सफेद पानी का आना भी कम हुआ। डॉ. दीपक एक्का के द्वारा 01 महिने तक रोगी का निरंतर आयुर्वेद औषधि द्वारा इलाज किया गया। आज वर्तमान की स्थिति में महिला को श्वेत प्रदर से होने वाली समस्याओं में पहले की अपेक्षा काफी आराम है और संबंधित महिला के द्वारा किसी भी प्रकार की औषधि का सेवन नहीं किया जा रहा है एवं स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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