मंगलवार को संसद में पेश होने वाले महिला आरक्षण बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के लिए अग्निपरीक्षा की तरह बताया. एक सीनियर सरकारी अधिकारियों ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सोमवार को कैबिनेट बैठक के दौरान पीएम मोदी ने यह बात कही.इसी बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई थी. महिला आरक्षण बिल अगर कानून बनता है तो महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% मिलेगा.
अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि बिल में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीटें एससी-एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान हो सकता है. कोटा के भीतर कोटा की मांग की वजह से ही यह बिल साल 2010 में राज्यसभा से पारित होने के बावजूद भी संसद में पारित नहीं हो सका था. अधिकारियों ने कहा कि यह बिल साल 2027 तक पूरी तरह से लागू होने की संभावना है. जनगणना और परिसीमन अभ्यास पूरा होने के बाद यह बिल पूरी तरह से लागू हो सकता है.