भारत के लिए 23 अगस्त काफी ऐतिहासिक है। चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की है। इस मौके पर देशभर में उत्साह नजर आ रहा है और लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। पीएम मोदी ने भी चंद्रयान की सुरक्षित लैंडिंग पर खुशी जताई और कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश है। अब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं। पीएम मोदी ने ये भी कहा, ‘ये क्षण अभूतपूर्व हैं। इंडिया इज नाउ ऑन द मून।’
भारत चंद्रमा पर अपने चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश है लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश है। अमेरिका, रूस और चीन भी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं लेकिन किसी ने भी चांद के दक्षिणी भाग पर लैंडिंग नहीं की थी। क्योंकि चांद के अन्य हिस्सों के मुकाबले दक्षिणी भाग पर लैंडिंग करना सबसे ज्यादा कठिन है।
रहस्यों से भरा है चांद का दक्षिणी हिस्सा
चंद्रमा के जिस दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 ने सफल लैंडिंग की है, उसका ज्यादातर हिस्सा अरबों सालों से अंधेरे में है। ऐसा अंदेशा है कि इस क्षेत्र में सौरमंडल के निर्माण समेत कई रहस्यों का पता लग सकता है। दक्षिणी भाग में लंबे समय से जमी बर्फ के कारण यहां पानी और अन्य खनिज होने की संभावना जताई जा रही है। अगर ये बात सच होती है तो भविष्य में चांद पर भी जीवन ढूंढा जा सकता है।