चीन से लगी लद्दाख सीमा पर से गतिरोध समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच 19वें दौर की वार्ता होने जा रही है। इससे पहले अब तक हुई सभी वार्ताएं विफल साबित हुई हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हिंस्सा और फिर नवंबर 2022 में तवांग में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंध बहुत खराब दौर में चल रहे हैं। भारत सीमा के विवादित क्षेत्रों से चीन को अपनी सेना हटाने को कहता आ रहा है, मगर ड्रैगन अभी तक इसपर राजी नहीं हुआ है। यही वजह है कि भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध और तनाव कायम है।अब 14 अगस्त को भारत और चीन के बीच 19वें दौर की कोर कमांडर वार्ता होने जा रही है।
कोर कमांडर स्तरीय इस वार्ता में दोनों सेनाओं के कमांडर स्तरीय अधिकारी शामिल होंगे। इस दौरान सीमा पर से तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत आयोजित की जाएगी। अभी तक शातिर चीन हर बार वार्ता को विफल साबित करता आ रहा है। भारत की ओर से विवादित क्षेत्रों से सेना हटाने की बात पर चीन तैयार नहीं है। चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दादागिरी दिखा रहा है। भारतीय सीमा से लगे विवादित क्षेत्रों में अभी भी चीनी सैनिक डेरा डाले हुए हैं और आसपास अवैध निर्माण कर रहे हैं। चीन की अवैध गतिविधियों की भारत कई बार शिकायत कर चुका है। मगर चीन सुधरने या मानने को तैयार नहीं है।