अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने अदालत में शिष्टाचार बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया है और अक्सर वकीलों को प्रक्रियाओं को दरकिनार करने और कोर्ट में कठोर आचरण के लिए फटकार लगाई है.
इसका ताजा उदाहरण इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में तब देखने को मिला जब सीजेआई ने पीठ को संबोधित करते हुए एक वकील द्वारा अनौपचारिक ‘या’ (yeah) के इस्तेमाल की आलोचना की. मुख्य न्यायाधीश ने सख्ती से कहा, “यह कोई कॉफी शॉप नहीं है! यह या..-या.. क्या है. मुझे इस या..-या.. से बहुत एलर्जी है. इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.”
इस साल की शुरुआत में महत्वपूर्ण चुनावी बॉन्ड केस की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एक वकील को उस समय फटकार लगा दी थी, जब उसने बेंच को संबोधित करते हुए अपनी आवाज ऊंची की थी. उन्होंने कहा था, “मुझ पर चिल्लाओ मत. यह हाइड पार्क कॉर्नर मीटिंग नहीं है, आप कोर्ट में हो. आप एक आवेदन पेश करना चाहते हो, एक आवेदन दाखिल करो. आपको चीफ जस्टिस के रूप में मेरा निर्णय मिल गया है, हम आपकी बात नहीं सुन रहे हैं. अगर आप कोई आवेदन पेश करना चाहते हैं, तो उसे ईमेल पर पेश करें. इस कोर्ट में यही नियम है.”