पुतिन ने हेग की अदालत द्वारा वॉरंट जारी करने के बाद इंटरनेशनल सीमा को पार नहीं किया है। ऐसे में युद्धग्रस्त यूक्रेन की यात्रा के अलावा यह पुतिन की पहली विदेश यात्रा है। सूत्रों की मानें तो पुतिन केवल उन्हीं देशों का यात्रा करेंगे जहां उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी हो और चीन उन देशों में से एक है। हालांकि, अगस्त में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी राष्ट्रपति पुतिन शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने सितंबर में दिल्ली में आयोजित होने वाले जी20 सम्मेलन में शिरकत करने में भी असमर्थता जाहिर की थी। हालांकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
इन मुद्दों पर चीन से हो सकती है चर्चा
चीन के इस दौरे में पुतिन और शी जिनपिंग मौजूदा समय में जारी इजराइल और हमास के बीच युद्ध पर भी चर्चा कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुतिन बेल्ट एंड रोड फोरम के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान रूस यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों का यूक्रेन को सपोर्ट करना, दक्षिण चीन सागर जैसे मसलों पर भी दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों में विचार विमर्श हो सकता है।