पूर्वी एशिया से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रक्षा, सुरक्षा और सहयोग सिर्फ भारत और अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के लिए जरूरी हो गया। इस क्षेत्र में चीन की दादागिरी रोकने के लिए भारत और अमेरिका ने खास रणनीति बनाई है। एस जयशंकर ने इसके लिए अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन से वार्ता की है।
पूर्वी एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और विकास का जिम्मा अब भारत और अमेरिका के हवाले होगा। इस क्षेत्र में अब चीन जैसे दुश्मनों की दादागिरी नहीं चलने पाएगी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दुश्मनों पर भारत-अमेरिका की पैनी नजर होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की और रक्षा सामग्री के सह-उत्पादन समेत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर उनसे सार्थक चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ।
जयशंकर ने अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रैमंडो से भी मुलाकात की। पेंटागन (अमेरिका के रक्षा विभाग का मुख्यालय) में शुक्रवार को ऑस्टिन से मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर सार्थक चर्चा की। वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। ’’ ऑस्टिन ने कहा, ‘‘मुझे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका-भारत के बीच सहयोग पर चर्चा करने के लिए आज पेंटागन में भारत के विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर की मेजबानी करके खुशी हुई।