साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता जरूरी है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए सराहनीय कार्य किए गए हैं। जिनमें निरंतरता बनाए रखने की जरूरत है। जागरूकता के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना ने आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में ‘सोशल एवं बिहेवियर चेंज’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि बीमारी को दूर करने के लिए लोगों में साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलानी होगी।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण से जुड़े जिला समन्वयकों की इस कार्यशाला में श्री प्रसन्ना ने कहा कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत बुनियादी ढाँचों जैसे कि खाद के गड्ढे, सोखता गड्ढे, अपशिष्ट स्थिरीकरण से ग्रामीण स्तर पर स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर संचालक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) श्रीमती पद्मनी भोई साहू और छत्तीसगढ़ यूनिसेफ के प्रमुख जॉब जकारिया उपस्थित थे।
राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत सोशल एवं बिहेवियर चेंज विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में निजी होटल में आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में राज्य स्तरीय सलाहकारों ने राज्य के सभी जिलों से आए जिला सलाहकारों से ओडीएफ प्लस के लिए सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन के सकारात्मक बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की। वर्तमान में मिशन अपने दूसरे चरण में है। इसमें राज्य की सभी पंचायतों को वर्ष 2025 तक ओडीएफ प्लस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत ठोस और तरल अपशिष्ट का कार्य सभी ग्राम पंचायतों में किया जाना है। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में श्री मुकेश राठौर ने जानकारी दी। इसी तरह सुश्री अभिलाषा आनंद ने ओडीएफ प्लस गांव के लिए आधारभूत सुविधा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ओडीएफ प्लस गांव यानी ऐसा गांव जहां खुले में शौच में पूर्ण पाबंदी हो और ग्राम पंचायत में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय हो। इसके साथ ही गांव के सभी घरों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन और आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा हो।
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