अजरबैजान के बाकू में आयोजित हुए चेस वर्ल्ड कप में भारत के रमेशबाबू प्रज्ञाननंदा ने सिल्वर मेडल जीतकर कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया था। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर ने बाकू में तिरंगे का मान बढ़ाया और बुधवार को उनके भारत पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। वह 30 अगस्त की सुबह चेन्नई पहुंचे और प्रदेश के खेल विभाग के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। उनके फैंस एयरपोर्ट के निकास द्वार पर जमा थे और उन्हें फूलों का गुलदस्ता, शॉल और फूलों का मुकुट प्रदान किया। उनके बाहर निकलने पर उनके ऊपर फूल बरसाए गए और कलाकारों ने तमिलनाडु के लोकनृत्य प्रस्तुत किए।
उन्होंने अपनी गाड़ी के बाहर खड़े होकर मीडिया से बातचीती की और कहा कि, मैं इस स्वागत से काफी गर्व महसूस कर रहा हूं। यह भारत में चेस के लिए अच्छा है। इस मौके पर प्रज्ञाननंदा की मां नागलक्ष्मी भी अपने 18 वर्षीय बेटे के स्वागत से भावविभोर थीं। भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञाननंदा को बाकू में फिडे विश्व कप फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने हराया था। इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रदर्शन से करोड़ों देशवासियों का दिल जीत लिया था। वर्ल्ड नंबर 1 खिलाड़ी को भारतीय स्टार ने तीसरी बाजी तक कड़ी टक्कर दी लेकिन अंत में वह बाजी हार गए लेकिन सभी का दिल जीत गए।