भारत ने 15 साल की रिसर्च के बाद आखिरकार दुनिया की सबसे हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने में सफलता हासिल की है. इस बुलेटप्रूफ जैकेट की खासियत यह है कि यह स्नाइपर के छह शाट्स भी झेल सकती है. भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान दिल्ली ( IIT Delhi) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से यह बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार की गई है.
प्रोफेसर नरेश भटनागर ने बताया कि, ”सन 2008 में हमारे पास एक मेजर साहब आए जिनको खुद गोली लगी थी. वे बोले कि हमें लाइटवेट बुलेटप्रूफ जैकेट चाहिए क्योंकि अभी जो हम पहन रहे हें वह 25 किलो की है और लोहे की है.”
उक्त बातचीत के 15 साल बाद गुरुवार को आखिरकार हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने में आईआईटी दिल्ली और डीआरडीओ को कामयाबी मिल गई.
इपर राइफल की गोलियां जैकेट को भेद नहीं सकीं
दो बुलेटप्रूफ जैकेटों को देखने पर पता चला कि एक में स्नाइफर राइफल की 6 गोलियां लगी हैं, फिर भी जैकेट को भेद नहीं सकी हैं. दूसरी बुलेटप्रूफ जैकेट में AK47 की 8 गोलियां लगीं लेकिन इसे भेद नहीं सकीं. जबकि स्नाइफर गोली के लिए बनी जैकेट महज 9.5 किलोग्राम और AK47 के लिए बनी जैकेट 8.2 किलोग्राम की है.
आईआईटी में Personel Body Armour सेंटर के प्रोफेसर डॉ नरेश भटनागर ने बुलेटप्रूफ जैकेट दिखाते हुए बताया कि सेरेमिक और पॉलिमर मैटेरियल से इस बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार किया गया है. डॉ नरेश भाटिया ने बताया कि, इस जैकेट को बनाने में इंटरफेस साइंस का सहारा लिया गया है, ताकि गोली भेद न पाए.