छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने आज अपने निवास कार्यालय में कृषि विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। कृषि मंत्री का पदभार मिलने के बाद श्री साहू ने पहली बार अधिकारियों की बैठक ली और उनसे कहा कि राज्य सरकार का मुख्य फोकस किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर है। श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप मैदानी अमले कृषि और उससे जुड़े विभागों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें तथा किसानों से जुड़ी समस्याओं और उनके निराकरण के लिए पहल करें। श्री साहू ने कहा कि किसानों को समय पर खाद-बीज आदान सहायता के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाएं मिलनी चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
श्री साहू ने कहा कि किसान समृद्धि योजना और शाकम्भरी योजना से किसानों को सिंचाई का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के लिए विभाग कार्य करे। उन्होंने कहा कि जैविक खेती का रकबा अधिक से अधिक बढ़ाए और साथ ही इसका प्रमाणीकरण भी करें। श्री साहू ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानो को खाद और बीज की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही अधिकारियों को बेहतर काम करने और योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक के दौरान श्री साहू ने गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि विभाग के साथ ही मंडी बोर्ड, बीज एवं कृषि विकास निगम तथा उद्यानिकी विभाग के योजनाओं की भी गहन समीक्षा की। श्री साहू ने अधिकारियों को उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिए।
कृषि मंत्री ने फसलों के बीमा के संबंध में अधिकारियों के चर्चा करते हुए कहा है कि ब्लाक स्तर के कृषि अधिकारियों की ये जिम्मेदारी है कि वो किसानों को योजनाओं की बेहतर तरीके से जानकारी दें और फसल बीमा के बारे में किसानों को अवश्य जागरूक करें।
समीक्षा बैठक के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कृषि मंत्री को विभाग की सभी योजनाओं की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी। बैठक में इंदिरा गाधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल, गोधन न्याय योजना के प्रबंध संचालक डॉ. अयाज तम्बोली, संचालक उद्यानिकी श्री माथेश्वरन व्ही. एवं मंडी बोर्ड के महाप्रबंधक श्री महेन्द्र सिंह सवन्नी समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।