बॉलीवुड के ‘खलनायक’ संजय दत्त अपने जब हीरो बनते हैं तो उसने बेहतर हीरो कोई नहीं लगता और जब विलेन बनते हैं तो उनसे खूंखार कोई नहीं लगता। यह खूबी शायद ही दुनिया के किसी और एक्टर के पास हो जो ग्रे शेड हीरो को भी पर्दे पर ऐसे दिखा पाता है कि बुरा होना उसकी मजबूरी लगती है और दर्शक उससे खुद को कनेक्ट कर लेते हैं। आज संजय 64 साल के हो चुके हैं, इस मौके पर जानते हैं उनके कुछ यादगार रोल के बारे में…
‘रॉकी’ बनकर किया था डेब्यू
संजय दत्त ने 1981 में ‘रॉकी’ से डेब्यू के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई हिट फिल्में दीं। साजन, सड़क, खलनायक, आतिश, आंदोलन, दाग, हसीना मान जाएगी और कई अन्य फिल्मों ने उनके सफल फिल्मी करियर में चार चांद लगा दिए। ‘वास्तव’ में उनके अभिनय ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में मुन्ना भाई के किरदार ने लोगों के दिलों में घर बना लिया। उनके करियर की एक और मील का पत्थर भूमिका ‘अग्निपथ’ के विलेन कांचा चीना थी। उन्होंने कन्नड़ फिल्म ‘के.जी.एफ: चैप्टर 2’ में भी दमदार लीड विलेन की भूमिका भी निभाई। यहां देखते हैं उनकी कुछ यादगार परफॉर्मेंस…
खलनायक, सड़क, वास्तव, मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस., अग्निपथ, के.जी.एफ: चैप्टर 2