केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को निर्देश दिया है कि जब लोन भुगतान की प्रक्रिया की बात हो, तो कठोर कदम नहीं उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक और निजी दोनों बैंकों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों को मानवता और संवेदनशीलता के साथ संभालना चाहिए. सीतारमण ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान छोटे कर्जदारों द्वारा लिये गए ऋण के पुनर्भुगतान से संबंधित एक प्रश्न पर हस्तक्षेप करते हुए ये बात कही.
उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में शिकायतें सुनी हैं कि कुछ बैंकों द्वारा ऋण चुकाने में कितनी बेरहमी बरती गई है. सरकार ने सार्वजनिक और निजी सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि जब ऋण भुगतान की प्रक्रिया की बात आती है तो कठोर कदम नहीं उठाए जाने चाहिए और उन्हें इस मामले में मानवता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए.”
एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए कहा गया कि किसानों के खिलाफ जबरदस्ती तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कहा गया, “निजी एजेंटों द्वारा वसूली की जबरदस्ती की विधि, यदि बैंकों द्वारा नियुक्त की गई है, तो ये स्वीकार्य नहीं है. बैंक निश्चित रूप से ऋण राशि की वसूली के लिए बाहुबल का उपयोग नहीं कर सकते हैं.”