कोरलापाल, हिरानार, छिंदनार, कमालूर जैसे संवेदनशील ग्रामों में खुले विकास के रास्ते
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में लगातार बन रही बारहमासी सड़कों ने ग्रामीणों के जीवन को सुगम बनाने का काम किया है। सड़कों की कनेक्टिविटी अधोसंरचना विकास के सबसे महत्वपूर्ण पहलू में से एक है। पहुंच विहीन क्षेत्र में विकास के समस्त संसाधनों को सुनिश्चित करने हेतु सड़कों की कनेक्टिविटी की ही भूमिका होती है । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अंदरूनी क्षेत्रों में भी मूलभूत अधोसंरचना के तहत पक्के रोड निर्माण को विकसित करने पर जोर दिया। इस कड़ी में दंतेवाड़ा जिले में भी ऐसे सीमावर्ती दुर्गम क्षेत्र थे जहां रोड कनेक्टिविटी की समस्या सर्वाधिक थी। इस वजह से ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक आने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पीडीएस जैसी सुविधाएं पहुंचाने में भी कठिनाई होती थी।
इसे देखते हुए पीएमजीएसवाई (ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण) द्वारा जुलाई 2022 से जून 2023 तक जिले के सभी ब्लॉक में सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किये गए इनमें फरसपाल रोड़ से मिड़कुलनार (8.50 किमी.), कवलनार से पाडेवार (5.10 किमी.), कटेकल्याण से लखारास (2.50 किमी.), कोरीरास से किडरीरास (7.85 किमी.), गाटम सूरनार से तोडेपारा (2.10 किमी.), गाटम सूरनार से पेनगुड़ीपारा (2.10 किमी.), टेकनार से राउतपार (2.60 किमी.), कारली से सरपंच पारा (2.10 किमी.), कटेपाल से ड़ोंगरीपारा (4.85 किमी.), बाजारपारा से केशापारा (1.27 किमी.), जबेली से बड़ेपारा (3.57 किमी.), बड़ेपारा से बिरकानपारा (2.36 किमी.), कमालूर से बासनपुर (2.30 किमी.), गंजेनार से गाटम व्हाया धनीकरका (21.20 किमी.), गीदम बारसूर रोड़ से छिंदनार (10 किमी.), कटेकल्याण रोड़ से नेलबट्टीपारा मेटापाल (5 किमी.) में किए गए सड़क निर्माण कार्य में यहां के ग्रामीण जनजीवन को आसान कर दिया और स्वास्थ्य, शिक्षा सहित ग्रामीणों तक पहुंचने वाली तमाम योजनाओं के रास्ते खोल दिए।