नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात सरकार से कहा कि वह चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की तैयारियों के तहत संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करे और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करे.
चक्रवात की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में शाह ने यह बात कही. बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, दो केंद्रीय मंत्रियों, गुजरात के कई मंत्रियों और सांसदों, विधायकों और उन आठ जिलों के अधिकारियों ने भाग लिया, जिनके चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री ने गुजरात सरकार से संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था करने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा.
उन्होंने कहा कि तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि किसी तरह की क्षति होने पर इन सेवाओं को तुरंत बहाल किया जा सके. शाह ने सभी संबंधित अधिकारियों को मोबाइल और लैंडलाइन संपर्क सुनिश्चित करने और सभी अस्पतालों में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
गृह मंत्री ने कहा कि चक्रवात के कारण 8-10 इंच बारिश होने का अनुमान है, जिससे कच्छ और सौराष्ट्र में बाढ़ आ सकती है. उन्होंने आवश्यक तैयारियों की समीक्षा करने की जरूरत पर बल दिया.
उन्होंने अधिकारियों से सोमनाथ और द्वारका मंदिरों के आसपास जरूरी व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार गिर के जंगल में जानवरों और पेड़ों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
शाह ने गुजरात के सांसदों और विधायकों से अपने-अपने क्षेत्रों में चक्रवात के खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने और उन्हें सहायता प्रदान करने को कहा. पटेल ने गृह मंत्री को चक्रवाती तूफान के संभावित मार्ग में रहने वाली आबादी की सुरक्षा के लिए तैयारियों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों से अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और जो समुद्र में हैं उन्हें वापस सुरक्षित स्थान पर बुला लिया गया है. अब तक कुल 21,595 नाव, 27 जहाज और 24 बड़े जहाजों तैयार रखे गये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निकासी के उद्देश्य से संवेदनशील गांवों की एक सूची तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि तूफान से संभावित प्रभावित क्षेत्रों में 450 अस्पतालों को चिन्हित किया गया है और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है.
बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में आश्रय स्थलों की भी व्यवस्था की गई है और 597 दलों को तैनात किया गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 18 दलों और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12 दलों को तैनात किया गया है.