हल्बा समाज का इतिहास समृद्ध एवं वैभवशाली: मुख्यमंत्री श्री बघेल

डौण्डी एवं डौण्डीलोहारा विकासखण्ड में देवगुड़ी निर्माण हेतु 01 करोड़ रुपये तथा शासकीय महाविद्यालय मंगचुवा का नामकरण शहीद गैंदसिंह के नाम से करने की घोषणा

दल्लीराजहरा में आयोजित अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी समाज के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

स्वर्गीय सुखदेव पातर को स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों की सूची में किया जाएगा शामिल, नवा रायपुर में हल्बा सामाजिक भवन हेतु प्रदान की जाएगी राशि

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हल्बा-हल्बी समाज का इतिहास अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली है। उन्होंने कहा कि हल्बा समाज की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी हैं, इस तरह यह समाज मातृ शक्ति का अनुयायी समाज है। उन्होंने कहा कि हल्बा समाज अत्यंत प्राचीन एवं विस्तृत समाज है। श्री बघेल आज बालोद जिले की इस्पात नगरी दल्लीराजहरा के फुटबॉल ग्राउण्ड में आयोजित अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी समाज के 83 वें स्थापना दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र माहला ने की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह में डौण्डी एवं डौण्डीलोहारा विकासखण्ड में देवगुड़ी निर्माण हेतु 01 करोड़ की राशि प्रदान करने तथा शासकीय महाविद्यालय मंगचुवा का नामकरण शहीद गैंदसिंह के नाम से करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने समाज के लोगों की मांग पर नवा रायपुर में हल्बा समाज के सामाजिक भवन के निर्माण हेतु जमीन चिन्हांकन एवं खरीदी की प्रक्रिया पूरा होने के बाद राशि प्रदान करने की भी घोषण की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कांकेर जिले निवासी स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेने वाले हल्बा समाज के गौरव स्वर्गीय श्री सुखदेव पातर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची में शामिल कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी निर्धारित प्रक्रिया पूरी की जा रही है। श्री बघेल ने हल्बा-हल्बी समाज के लोगों को समाज के 83वां स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद बिरसा मूण्डा की पुण्यतिथि पर शहीद बिरसा मुण्डा एवं शहीद गैंदसिंह के योगदानों का स्मरण करते हुए इन दोनों विभूतियों को भारत माता का महान सपूत बताते हुए उन्हें नमन किया।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास मंहत, महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, संसदीय सचिव श्री कुंवरसिंह निषाद, संजारी बालोद के विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलेजा, राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर, पूर्व विधायक श्री डोमेन्द्र भेड़िया, श्री भैयाराम सिन्हा एवं श्री जनक ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं समाज प्रमुखगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बड़े भू-भाग के अलावा महाराष्ट्र सहित आस-पास के अनेक राज्यों में हल्बा समाज के लोग निवासरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं सामाजिक जागरूकता के मामले में भी हल्बा समाज एक अग्रणी समाज है। उन्होंने कहा कि हल्बा समाज के लोग शिक्षा को हथियार बनाकर आज राजनैतिक, प्रशासनिक एवं अन्य सभी क्षेत्रों में उच्च पदों पर सुशोभित होकर राष्ट्र व समाज सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर श्री बघेल ने हल्बा समाज सहित समूचे आदिवासी समाज को सहज, सरल, मेहनतकश एवं निश्छल बताते हुए राष्ट्र एवं समाज के विकास मंे उनके योगदानों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए कृतसंकल्पित है। इसे ध्यान में रखते हुए आम लोगों की सहूलियत के लिए प्रशासनिक विकेंद्रीकरण कर 06 नये जिले एवं अनेक नए तहसीलों का गठन किया। जिससे आम लोगों को अपने कामकाज के लिए जिला एवं तहसील मुख्यालयों में आने-जाने में किसी तरह की कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अलावा पूरे हिन्दुस्तान में कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जहां पर इतने बड़ेेेे पैमाने पर तहसीलों का गठन किया गया है। इसके अलावा जाति प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया का भी सरलीकरण किया गया है। जिसके फलस्वरूप पिता के पास जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध होने से उनके बच्चों का भी आसानी से जाति प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *