उत्तर बस्तर कांकेर : दूसरा विवाह हमेशा अवैध और शून्य होता है- डॉ. किरणमयी नायक

छत्तीसगढ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य बालो बघेल ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 182 वी सुनवाई हुई कांकेर जिले में आयोजित जन सुनवाई में 17 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आज सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका अनावेदक की बहु है, आवेदिका के पति का मृत्यु 2021 में हुई थी आवेदिका अपने मायके में रह रही है, जिसकी एक बेटी है। आवेदिका की मांग है कि अनावेदकगण के घर में जो समान है वह उसे दिलाया जाए, जिसने अलमारी, टेबल दियान, टी.पी. जैसे सामान है। अनावेदक पक्ष का कथन है कि सारा सामान अनावेदिका पक्ष के आमदानी से खरीदा गया है, जो उसके मायके का सामान हैं, उसे देने को तैयार है। आवेदिका अपने मृत पति का 10 लाख चेक की बात कर रही है जो अनावेदक इंकार कर रहा है। आवेदिका के घरेलू सामग्री को दिलाने के लिए आयोग की ओर से श्रीमती तुलसी मानिकपुरी को नियुक्त किया गया है, वह खांजूर धाना से किसी पुलिस आरक्षक को लेकर अनावेदक के घर से आवेदिका को दिलाये और सूची तैयार कर सामग्री प्रदाय करावे तथा प्रदायित सामग्री को राज्य महिला आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिया गया, पश्चात प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाने के निर्देष दिये। अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों की काउसलिंग किया गया न तो अनावेदक पक्ष आवेदिका को रखने को तैयार है और न ही भरण पोषण देने को तैयार है, अनावेदक द्वारा माह में एक हजार कमाने की बात कही, पूरे प्रकरण को विस्तार से सुनने पर यह प्रकरण आवेदिका के साथ प्रताड़ना से है। आवेदिका संबंधित थाना में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार रखती है, प्रकरण को आयोग ने नस्तीबद्ध किया। अन्य प्रकरण उभ पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया की अनावेदक के विरुद्ध 488 ममला का प्रकरण दर्ज कराया गया है। लेकिन न्यायालय में प्रकरण किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, दोनों पक्षों ने अपने सुलह हेतु समय चाहा गया है, दोनो पक्षो को सुलह वार्ता हेतु अधिवक्ता एवं संरक्षण अधिकारी को भेजा गया है। प्रकरण थोडी देर बाद रखा जाए उभयपक्ष ने अनुरोध किया कि महिला आयोग में सलहवार्ता की कोशिश दोनों पक्षों के द्वारा की जाएगी, जुलाई माह में प्रकरण रायपुर में सुनवाई हेतु रखी जावेगी। अन्य प्रकरण उभयपक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया की उसकी पति आरक्षक एसटीएफ में पदस्थ है इन दोनों का बेटा उम्र 04 वर्ष है अनावेदक ने शासकीय सर्विस बुक में अपनी पत्नी का नाम दर्ज कराया है, किन्तु अपने बेटे का नाम दर्ज नहीं कराया है। दोनों पक्षों का वैधानिक तलाक नहीं हुआ है और दोनो वैधानिक रूप से पति पत्नी है। अनावेदक दुसरा विवाह किया है जो अवैध एवं शून्य विवाह किया है। अनावेदक एसटीएफ जंगलवार में पदस्थ है और उसे बताया गया है कि सिविल सेवा आचरण के तहत कार्यवाही प्रस्तावित किया जा सकता है। उभय पक्ष को समझाइश देने पर अनावेदक अपने पत्नी को उसके बैंक खाते में अपनी वेतन से 10- हजार प्रतिमाह देने को सहमत है। आज की सुनवाई की प्रति पुलिस अधीक्षक दुर्ग एसटीएफ कार्यालय बघेरा जिला दुर्ग को पत्र प्रेषित किया जाएगा ताकि आवेदिका के बैंक खाता में अनावेदक की वेतन से 10 हजार रुपये प्रतिमाह नियमित रूप से मिलता रहेगा। अनावेदिका को समझाइश दिया गया है आवेदिका एवं उसके पति की वैवाहिक जीवन में दखलंदाजी न करें । अन्य प्रकरण उभयपक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया की अनावेदक बैगा का काम करता है, आवेदिका को पूजा पाठ के नाम से 80 हजार रु ठग चुका है और अश्लील हरकत भी करता था। इस पर आवेदिका ने नरहरपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराया है, उस एफ आई आर के बाद जमानत में छूटने पर फिर से डरा धमका रहा है और फोन पर मेसेज भेज रहा है तथा जान से मरवाने की धमकी भी दे रहा है। इस पूरे प्रकरण को सुनवाई में उपस्थित ए. एस.पी. को उचित कार्यवाही हेतु सौंपा गया है उनके जाँच उपरांत अंतिम निर्णय लिया जावेगा। आवेदिका को समझाइश दिया गया है कि वह ए.एस.पी. के पास फिर से जांच करा सकती है और जमानत भी जब्त करा सकती है। आवेदिका को नोटशीट की नि शुल्क प्रति आवेदिका को प्रदाय की जावेगी। अन्य प्रकरण उभयपक्ष उपस्थित दोनो पक्ष को सुना गया। अनावेदक सुरडोगर स्कूल केशकाल में शिक्षक के पद पर कार्यरत है तथा वेतन 31 हजार रूपये है। आवेदिका अनावेदक के साथ घर में ही रहती है फिर भी एक दूसरे साथ में बातचीत नहीं करते है, दोनो अलग-अलग रूम में रहते है। थाना में काउंसलिंग किया गया है आवेदिका पत्नि हक पाना चाहती है, आवेदिका चूंकि इस प्रकरण में महिला प्रकोष्ठ कांकेर के द्वारा नियमित रूप से काउसलिंग किया जा रहा है। प्रकरण का अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् कार्यवाही किया जावेगा। अन्य प्रकरण 4 प्रकरणों को आयोग ने नस्तीबद्ध किया तथा एक प्रकरण को रायपुर ट्रांसफर किया गया है।

सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के सदस्य बालो बघेल, जिला पंचायत सदस्य नरोत्तम पडोटी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाष ठाकुर, संयुक्त कलेक्टर जीएस नाग सहित कार्यक्रम अधिकारी हरिकीर्तन राठौर सहित महिला बाल विकास के कर्मचारी उपस्थित थे।

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