गौठान, बिहान और महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक इकाई (रीपा) के संयुक्त कार्य से ग्रामीण महिलाओं को स्वसहायता समूह के माध्यम से पहले रोजगार मिल रही है और उसके बाद वे अपनी मेहनत से उत्पादन करके लाभ अर्जित कर रही हैं। सारंगढ़ विकासखंड के ग्राम लेन्ध्रा छोटे के गौठान में वर्मी कम्पोस्ट के अलावा नलकूप, ट्रांसफार्मर और मल्टीएक्टिविटी सेंटर सह गोदाम कक्ष है।
रोशनी स्वसहायता समूह लेन्ध्रा छोटे के गौठान में सीमेंट पोल का निर्माण और विक्रय करती है। कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के निर्देशन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी सारंगढ़ अभिषेक बनर्जी द्वारा रोशनी समूह द्वारा उत्पादित सीमेंट पोल सामग्री का उपयोग अन्य गौठानों में बाउंड्री के लिए उपयोग करने की व्यवस्था की गई, जिसके कारण रोशनी समूह को बिक्री के लिए आर्डर मिलने लगे। रोशनी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष हिरन कोशले ने बताया कि उनके समूह में 10 सदस्य हैं। मिक्चर मशीन 2 लाख रूपए में और बाइगलेटर मशीन ढाई लाख रूपए में खरीदी की है। समूह ने अब तक कुल 11 हजार सीमेंट खम्भा बनाया है, जिसमें से 10 हजार 430 खम्बे की बिक्री 16 लाख 68 हजार 8 सौ रूपए में हो चुकी है। खम्भों को बनाने में 8 लाख 34 हजार 4 सौ रूपए की लागत खर्च हुई है। समूह को शुद्ध 8 लाख रूपए की आमदनी हुई है। रोशनी समूह के सभी सदस्य और उनका परिवार इस कार्य से खुश हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस रोशनी समूह के सभी सदस्यों की यह उपलब्धि अन्य समूहों के लिए प्रेरणादायी है। राज्य सरकार के गौठान और बिहान स्वसहायता समूह की सफलता का यह मॉडल है। उल्लेखनीय है कि लेन्ध्रा छोटे के गौठान में दीक्षा, सरस्वती, शिवानी, आशाकिरण आदि स्वसहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट जैविक खाद का निर्माण कर रही हैं। अन्य स्वसहायता समूह सर्फ, अगरबत्ती आदि का भी निर्माण कर रही हैं।
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